Monday, April 5, 2010

मानवीय संवेदनाओं के कुशल चितेरे हैं रामकिशन अडिग

जिला कलक्टर डॉ कृष्णाकांत पाठक ने प्रयास संस्थान की ओर से सूचना केंद्र में आयोजित कला प्रदर्शनी का शुभारंभ किया
चूरू, 4 अप्रैल। शहर के सूचना केंद्र में रविवार को प्रयास संस्थान की ओर से आयोजित ख्यातनाम प्रयोगधर्मी चित्रकार रामकिशन अडिग की कलाकृतियों की प्रदर्शनी का शुभारंभ जिला कलक्टर डॉ कृष्णाकांत पाठक ने किया। इस मौके पर अडिग की कलाकृतियों की सराहना करते हुए डॉ पाठक ने कहा कि संवेदना प्रत्येक व्यक्ति के मन में होती है, लेकिन चित्रकर अपने इर्द-गिर्द घटती घटनाओं और परिवेश से जुड़ी प्रतिक्रियाओं के सहारे मानवीय संवेदनाओं का अनूठा संसार रच देता है। उन्होंने कहा कि प्रतिभावान चित्रकार अडिग ने दृश्यमान जगत के विरोधाभास, विषमता, ऊंच-नीच, भीतरी छटपटाहट और आर्थिक वर्गों में बंटी दुनिया को रंगोें के जरिए कैनवास पर उतारा है। उन्होंने कहा कि अपनी कलाकृतियों में अडिग रंगों के खिलाड़ी के रूप में सामने आते हैं और मूर्त को अमूर्त व अमूर्त को मूर्त बनाने में उनके भीतर की कला अभिव्यक्त होती है।

चूरू के वरिष्ठ चित्रकार जी एन अंसारी की अध्यक्षता में आयोजित उद्घाटन समारोह में अतिरिक्त कलक्टर बी एल मेहरड़ा ने कहा कि यू ंतो प्रत्येक व्यक्ति हर दिन अनगिनत घटनाओं से रूबरू होता है लेकिन सृजनधर्मी का दृष्टिकोण प्रत्येक घटना के प्रति अलग होता है। उन्होंने कहा कि व्यवस्था में व्याप्त असंगतियां और विषमताएं सृजक के मन में आक्रोश उत्पन्न करती है और यही आक्रोश सृजन का रूप धरकर सामने आता है।
विशिष्ट अतिथि हनुमान कोठारी ने कहा कि अडिग एक ऎसे कलाकार हैं, जिनके यहां कोई भी कथ्य हो, एक गहरी रागात्मकता और कल्पनाशीलता के साथ कई आयामों को लेकर प्रकट होता है। चित्रकार जी एन अंसारी ने अडिग की प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए कहा कि नारी विमर्श से जुड़े उनके चित्रो रेखांकनों में एक खास बात ध्यान खींचती है कि यहां अडिग की कलम और कूंची में एक सांगीतिक लय है जो नारी के उस अज्ञात और गोपन संसार के अपने आनंद को अभिव्यक्त करने में सहायक होती है, जिसमें एक स्त्री अपना वैयक्तिक सुख खोजती है।
चित्रकार रामकिशन अडिग ने इस मौके पर कहा कि सैकड़ों प्रदर्शनियों में वे अपनी कलाकृतियों का प्रदर्शन कर चुके हैं लेकिन अपने गृहजिले में प्रदर्शनी को लेकर वे बहुत उत्साहित और प्रसन्न हैं। उन्होंने अपनी सृजन प्रक्रिया और अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि अपने चारों तरफ की तमाम अच्छी-बुरी चीजें उनकी संवेदनाओं को सृजन की शक्ति और प्रेरणा देती हैं। प्रयास संस्थान के अध्यक्ष दुलाराम सहारण ने आभार जताया। इससे पूर्व संस्थान के सचिव कमल शर्मा, सुधींद्र शर्मा सुधि आदि ने माल्यार्पण कर अतिथियों का स्वागत किया। इस मौके पर वरिष्ठ साहित्यकार बैजनाथ पंवार, सहायक जनसंपर्क अधिकारी कुमार अजय, मानसिंह सामौर, श्रीभगवान सैनी, डॉ रामकुमार घोटड़, डॉ सत्यनारायण शांडिल्य, अलका पालावत, मंजू शर्मा सहित बड़ी संख्या में कलाप्रेमी, साहित्यकार, पत्रकार और शहर के गणमान्य नागरिक मौजूद थे। कला-प्रदर्शनी को देखने के लिए दिनभर सूचना केंद्र में शहरवासियों का तांता लगा रहा। कलाप्रेमियों ने अडिग की कलाकृतियों को गौर से निहारा और आयोजन की सराहना की।
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